आज के समय में काम में सफलता को ही जीवन की सफलता माना जाता है। खासकर कामकाजी महिलाएं इस सोच में इतनी उलझ जाती हैं कि वे अपनी मानसिक थकान और तनाव को नजरअंदाज कर देती हैं। ऑफिस का काम, घर की जिम्मेदारी, बच्चों की देखभाल और भावनात्मक सहयोग – ये सब मिलकर उन्हें लगातार तनाव में रखते हैं।
बर्नआउट क्या होता है?
बर्नआउट केवल थकावट नहीं है। यह एक मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति लगातार थका हुआ, चिड़चिड़ा और भावनात्मक रूप से सुन्न महसूस करता है। यह स्थिति विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा भी मान्यता प्राप्त है। इसमें मुख्य तीन बातें होती हैं:
- भावनात्मक थकावट
- खुद से दूरी महसूस होना या नकारात्मक सोच
- अपनी मेहनत को कम आंकना
महिलाओं के लिए क्यों है यह ज्यादा असरदार?
कामकाजी महिलाएं ऑफिस के बाद घर पर दूसरी शिफ्ट शुरू करती हैं। उन्हें घर और काम दोनों जगह पूरी तरह देना होता है, जिससे उनका मानसिक संतुलन धीरे-धीरे बिगड़ने लगता है। वे अक्सर इसे नजरअंदाज करती हैं और जब स्थिति बिगड़ जाती है, तभी मदद लेती हैं।
आम कारण क्या होते हैं?
कुछ सामान्य वजहें जो महिलाओं में बर्नआउट बढ़ाती हैं:
- सीमाएं तय न करना: ऑफिस का काम घर पर भी जारी रखना
- हर चीज में परफेक्ट बनने की कोशिश: जिससे थकावट बढ़ती है
- गिल्ट या अपराधबोध: खासतौर पर मांओं में, जो न घर और न ऑफिस में खुद को पूरा महसूस करती हैं
- समर्थन की कमी: चाहे वह ऑफिस हो या घर, अकेलापन तनाव को बढ़ाता है
शुरुआती लक्षण क्या होते हैं?
बर्नआउट धीरे-धीरे शुरू होता है। इसके कुछ संकेत इस तरह हो सकते हैं:
- लगातार थकान रहना
- छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ापन
- शौक या लोगों से मिलने का मन न करना
- बातों को भूल जाना
- भावनाओं का ठंडा पड़ जाना
- बार-बार बीमार पड़ना
इससे बचने के उपाय
अगर समय रहते ध्यान दिया जाए, तो बर्नआउट से बचा जा सकता है। इसके लिए कुछ आसान उपाय हैं:
- सीमाएं तय करें: रोज थोड़ा समय खुद के लिए जरूर निकालें। किताब पढ़ना, टहलना या म्यूजिक सुनना मदद करता है।
- काम बांटें: घर और ऑफिस दोनों में मदद मांगें, ये कमजोरी नहीं, समझदारी है।
- नींद और भोजन पर ध्यान दें: अच्छा खाना और पूरी नींद मानसिक संतुलन के लिए जरूरी है।
- डिजिटल ब्रेक लें: फोन और स्क्रीन से थोड़ा समय दूर रहें, खासकर सोने से पहले।
- समय रहते मदद लें: अगर मन उदास रहता है या काम में मन नहीं लगता तो विशेषज्ञ से बात करें।
निष्कर्ष :
मानसिक स्वास्थ्य कोई विलासिता नहीं, यह आवश्यक है। अगर आप थक चुके हैं, तो रुकना और खुद का ख्याल रखना जरूरी है। जितनी जल्दी इस पर बात शुरू होगी, उतनी जल्दी समाधान भी मिलेगा। खुद को प्राथमिकता देना कमजोरी नहीं, समझदारी है।
महत्वपूर्ण नोट:
हमेशा महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संबंधी बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर या स्वास्थ्य पेशेवर से परामर्श करें। वे आपकी मेडिकल हिस्ट्री और वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं।
किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या के लिए कृपया हमें +91-9058577992 पर संपर्क करें। और हमारे अनुभवी डॉक्टरों से मुफ्त परामर्श प्राप्त करें। आपका स्वास्थ्य हमारी प्राथमिकता है। धन्यवाद।