जब गर्भधारण गर्भाशय के बाहर होता है, विशेषकर फैलोपियन ट्यूब में, तो उसे एक्टोपिक प्रेगनेंसी कहा जाता है। यह स्थिति माँ के लिए अत्यंत खतरनाक हो सकती है और समय पर पहचान व इलाज न होने पर जानलेवा भी साबित हो सकती है।
एक्टोपिक प्रेगनेंसी क्या है?
सामान्य गर्भावस्था में निषेचित अंडाणु फैलोपियन ट्यूब से गर्भाशय तक पहुंचता है और वहीं विकसित होता है। लेकिन एक्टोपिक प्रेगनेंसी में अंडाणु गर्भाशय की बजाय फैलोपियन ट्यूब, अंडाशय, गर्भाशय ग्रीवा या पेट की गुहा में ही चिपक जाता है और यहीं बढ़ना शुरू करता है। यह एक असामान्य स्थिति है जिसे समय रहते पहचानना अत्यंत आवश्यक है।
क्या ऐसी गर्भावस्था जारी रखी जा सकती है?
ऐसी गर्भावस्था को जारी रखना संभव नहीं होता क्योंकि गर्भाशय के अलावा अन्य किसी भी स्थान पर भ्रूण का सुरक्षित विकास नहीं हो सकता। फैलोपियन ट्यूब या अन्य अंग भ्रूण को बढ़ने के लिए आवश्यक स्थान और पोषण नहीं दे सकते। यदि इसे रोका न जाए तो यह अंगों के फटने, अंदरूनी रक्तस्राव और माँ की जान जाने का कारण बन सकता है।
एक्टोपिक प्रेगनेंसी के कारण
यह स्थिति कई वजहों से हो सकती है:
- पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (PID) जैसी संक्रमण की स्थितियाँ
- पिछली सर्जरी से बनी चिपकन या स्कार टिशू
- फैलोपियन ट्यूब की संरचनात्मक गड़बड़ियाँ
जोखिम बढ़ाने वाले कारक
- 35 वर्ष से अधिक आयु
- पहले एक्टोपिक प्रेगनेंसी का इतिहास
- पेट या पेल्विक सर्जरी
- धूम्रपान
- फर्टिलिटी ट्रीटमेंट या दवाओं का उपयोग
- एंडोमेट्रियोसिस
- इन्ट्रायूटेरिन डिवाइस (IUD) लगवाने के बावजूद गर्भधारण
- यौन संचारित रोग (STI)
लक्षण और संकेत
एक्टोपिक प्रेगनेंसी के लक्षण गर्भावस्था के 4वें से 12वें सप्ताह के बीच नजर आ सकते हैं। इसके सामान्य लक्षणों में उल्टी, स्तनों में संवेदनशीलता, और पीरियड का न आना शामिल हो सकते हैं।
विशेष लक्षणों में शामिल हैं:
- पेट या पेल्विस में तेज, चुभती हुई दर्द
- कंधे या गर्दन तक फैलने वाला दर्द
- हल्का या तेज रक्तस्राव
- पेशाब या मलत्याग के दौरान दर्द
- कमजोरी, चक्कर आना या बेहोशी (आंतरिक रक्तस्राव का संकेत)
जांच और पहचान
- पेल्विक परीक्षण
- ट्रांसवेजाइनल अल्ट्रासाउंड
- hCG रक्त परीक्षण (गर्भावस्था हार्मोन की मात्रा जाँची जाती है)
- पेशाब की जाँच से गर्भधारण की पुष्टि
उपचार विकल्प
- दवा द्वारा उपचार: यदि स्थिति प्रारंभिक हो और ट्यूब नहीं फटी हो, तो मेथोट्रेक्सेट नामक दवा दी जाती है जो गर्भावस्था ऊतक को समाप्त करती है।
- सर्जरी: यदि ट्यूब फट चुकी हो या गर्भावस्था अधिक बढ़ गई हो, तो लैप्रोस्कोपिक सर्जरी द्वारा इसे हटाना आवश्यक होता है। यह जीवनरक्षक प्रक्रिया होती है।
निष्कर्ष
एक्टोपिक प्रेगनेंसी एक ऐसी स्थिति है जो तेज़ी से गंभीर बन सकती है। इसके शुरुआती लक्षणों को पहचानना और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जीवनरक्षक हो सकता है। नियमित जांच, सावधानी और जोखिम कारकों से बचाव इस स्थिति को टालने में सहायक हो सकते हैं।
महत्वपूर्ण नोट:
हमेशा महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संबंधी बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर या स्वास्थ्य पेशेवर से परामर्श करें। वे आपकी मेडिकल हिस्ट्री और वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं।
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